आज आपका परिचय रूस की आंतरिक वास्तुकारिता में पारंगत दशा अभिकल्पकार व्दारा निर्मित भवन से कराते हैं।जिसमें हमारा ध्येय आपको ज्यामितीय छत,बैठक कक्ष के साथ मयखाना, धुलाई क्षेत्र, रसोई क्षेत्र और शयन कक्ष से अवगत कराना है। आपको अलंकारिक घर में विचरण कराते हैं अर्थात हमारा तात्पर्य है कि घर में सौन्दर्यीकरण का छटा का अवलोकन कराना। दशा डिजाइनरों द्वारा डिज़ाइन किया, यह निवास निश्चित रूप से एक दृश्य प्रसन्न और आँखों के लिए सुखदायक है।आगे कोई देरी के बिना, चलो इस अद्भुत निवास के टूर शुरू करते हैं।
चलिये सर्वप्रथम कक्ष की छत की ओर दृष्टिपात करें तो ज्यामितीय छत का आनंद प्राप्त करेंगें।छत के हर कोण का बराबर से विभाजन किया गया है। सुन्दर अलंकरण के साथ ही छत का कुछ भाग काँच व्दारा निर्मित है।जो कक्ष की सुन्दरता को और निखार रहा है। छत पर लगे स्फटिक काँच के झूमर से झांकती पीली रोशनी छत के सौन्दर्यीकरण में चार चाँद लगा रही है।अलंकृत दीवार कक्ष में जीवन्तता उत्पन्न कर रही है।
अब नजर फरमाते हैं बैठक कक्ष की ओर जहाँ सफेद अलंकृत दीवार के साथ अलंकृत काँच का कक्ष विभाजन की शोभा को दो गुना कर रहे हैं। सफेद सोफा कक्ष की अलंकृत छत के साथ, कक्ष के साफ और चिकनेेे गहरे सलेटी फ़़र्श पर दीवारों के अनुरूप कक्ष को सुन्दरता प्रदान कर रहा है,बैठक कक्ष के साथ ही मयखाने की सजावट ही मयखाने का आभास दे रही है।सर्वप्रथम कक्ष की प्रकाश व्यवस्था अत्यन्त आकर्षक है।झूमर के स्थान पर मय के प्यालों का आभास देते लाल रंग के लैम्प शेड कक्ष का निरीक्षण करने वाले का ध्यान बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं और स्वत: ही मयखाने की ओर इंगित करते हैं।कक्ष की पुष्पसज्जा भी कक्ष के अनुरूप आकर्षक है।कुर्सी और मेज का रंग दीवार के साथ एकरूपता प्रस्तुत कर रहे है।
चलिये अब आपको रसोई क्षेत्र में लेकर चलते हैं जो पूर्णतया आधुनिकता से परिपूर्ण है।.सम्पूर्ण राशन सामग्री एवं इस्तेमाल में आने वाले बर्तन आवरण युक्त अलमारियों में एवं बन्द दराजों मे सुरक्षित रखी गई हैं।रसोई के उन्नत स्थान जिस पर चूल्हा एवं वाश बेसिन और भी आधुनिक विद्युत उपकरण विद्यमान हैं। दीवार पर लगा रंगीन कागज भी रसोई की सामग्री से सम्बन्धित ही लगाया गया है जिससे रसोई की छवि और भी आकर्षक लगने लगती है।चूल्हे के ठीक ऊपर लगी अत्याधुनिक चिमनी का प्रयोग किया गया है,जिसका एक सिरा रसोई में व अन्तिम सिरा घर के बाहर होता है। भोजन से निकलने वाला धुआँ इसी चिमनी के व्दारा रसोई से बाहर निकल जाता है। रसोई में प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है।
अब रसोई क्षेत्र से प्रस्थान कर के आपको शयन कक्ष की ओर लिए चलते हैं जहाँ सबसे पहले ध्यान केन्द्रित होता है शय्या पर।शय्या शयन कक्ष का अभिन्न अंग है।,इस कक्ष की दीवारों पर किया गया हल्का सलेटी रंग कक्ष की शोभा को बढा रहा है,शयन कक्ष में दीवार के रंग से मेल करते काँच की पूरी आयताकार खिडकी पर लगे जालीदार पर्दे शयन कक्ष को खूबसूरत बनाने में सहायक सिध्द हो रहे हैं। शयन कक्ष में प्रकाश व्यवस्था के लिये बहुत ही सुन्दर झूमर का प्रयोग किया गया है,जिसमें से निकलता हल्का पीला प्रकाश शयन कक्ष को और भी मदमस्त बना रहा है। शय्या के पीछे लगा पुष्पचित्र शयन कक्ष के रंगों के अनुरूप अपनी पूर्ण छटा बिखेरने में कामयाब हो रहा है।
अपने घर को सजाने के लिए और अधिक विचारों की जरूरत है? कृपया दिए गए लिंक का संदर्भ लें:: परंपरा और आधुनिकता से भरा एक घर
चलिये चलते हैं धुलाई क्षेत्र में जहाँ वस्त्रों की एवं स्वयं की धुलाई की जाती है जो नित्य आवश्यक है यहाँ वाश बेसिन के ऊपर लगा बडा शीशा एवं उस पर रखी सभी सामग्री जैसे मंजन के ब्रश से लेकर दाढी के ब्रश करीने से रखी गई हैं। वाशबेसिन के नीचे रिक्त स्थान में रखी कपडे धोने की मशीन का उचित स्थान निर्धारित किया गया है।कम से कम स्थान में अधिक से अधिक सामान की समुचित व्यवस्था की गई है।पानी की निकासी का भी उचित इंतजाम किया गया है.